5 Essential Elements For पारद शिवलिंग price
5 Essential Elements For पारद शिवलिंग price
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कात्यायनी – क्लीं श्रीं त्रिनेत्रायै नमः।।
पुराणों के अनुसार पारद शिवलिंग का महत्व
भक्ति:सावन माह में करें पारद शिवलिंग की पूजा, पारे से बना छोटा सा शिवलिंग रखें घर में, इससे वास्तु दोष भी हो सकते हैं दूर
शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स
जो पुण्यफल हजारो शिवलिंग की पूजा करने से मिलाता है वह पूण्यफल नर्मदेश्वर शिवलिंग और पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है
परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे ठिकाण आहे.
शिव लिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरुप मना जाता है. शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है. शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं. शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती है. विभिन्न प्रकार के शिव लिंगों की पूजा करने का प्रावधान है.
यदि more info आपके घर में शिवलिंग है, तो इसके नियम जानकर उनका पालन जरूर करें, तभी आपकी पूजा फलित हो पाएगी.
ग्रामीण तंत्र शिव को प्रसन्न करने की तांत्रिक क्रिया : शिव उपासना
इसके बाद पर पराद शिवलिंग के दाहिनी तरफ दीपक जलाना चाहिए।
१०० अश्वमेघ यज्ञ , चार धाम यात्रा , एक लाख गायीचे दान , केल्याने जे फळ मिळते ते एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजनाने मिळेल.
फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।
घर, दफ्तर या तिजोरी के उत्तर और पूर्व दिशा में इसकी स्थापना करें।
कोकण आणि विदर्भात जोरदार पावसाची शक्यता